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आज के प्रतिस्पर्धा के युग में जहा जनसँख्या और बेरोजगारी चरमसीमा पर है, वहा इस समस्या के समाधान हेतु असमानता के बिच समानता एवं विशेषता को ध्यान में रखकर इस विद्यालय की स्थापना सन २००५ में श्री राम रतन फाउंडेशन , वाराणसी के सौजन्य से किया गया ताकि इस पचक्रोसी क्षेत्र एवं कशी प्रान्त के शहरी एवं ग्रामीण छात्र/ छात्राओं को शैक्षणिक जगत में वह उचाई दी जा सके जहा से उनकी मंजिल उनके कदमो में नजर आये। इस महाविद्यलय का नाम हमारे परमपुज्यनीय नाना श्री राम रतन जायसवाल के नाम पर रखने का उदेस्य उनके सपनो को साकार करना है। पूज्यनीय स्वर्गीय राम रतन जायसवाल जी इस शहरी ग्राणीण क्षेत्र की जनता में वादिज्या एवं अन्य विषयो की उच्च शिक्षा
के आभाव को समाप्त करना ही नहीं बल्कि छात्र / छात्राओं में शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं सामाजिक मर्यादा का समावेश एवं सर्वागीण विकास कर उनको रोजगार के उत्तम अवसर तथा स्पर्धाओं में उपलब्धि सुनिचित कराना चाहते थे। उनके उद्देश्यों को मूर्तरूप देने के लिए श्री राम रतन फॉउण्डेशन, वाराणसी के सौजन्य से यह महाविद्यालय वचनबध्द है।